


कश्मीर में लगातार हो रही भारी बारिश के चलते अमरनाथ यात्रा को आज बुधवार के लिए स्थगित कर दिया गया है। जम्मू-कश्मीर के सूचना एवं जनसंपर्क विभाग ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर जानकारी दी कि पहलगाम और बालटाल से यात्रियों की आवाजाही फिलहाल रोक दी गई है। दोनों आधार शिविरों से आज यानी 30 जुलाई को यात्रा शुरू नहीं हो सकी। कश्मीर के संभागीय आयुक्त विजय कुमार बिधूड़ी ने बताया कि मंगलवार रात से हो रही भारी बारिश के कारण मार्ग पर फिसलन और खतरा बढ़ गया है, जिससे श्रद्धालुओं की सुरक्षा को देखते हुए यात्रा स्थगित करनी पड़ी। अब तक अमरनाथ यात्रा के दौरान 3.93 लाख से ज्यादा श्रद्धालु पवित्र गुफा में दर्शन कर चुके हैं।
180 अतिरिक्त सीएपीएफ कंपनियों की तैनाती की गई
एक अन्य घोषणा के मुताबिक , 31 जुलाई को जम्मू के भगवती नगर यात्रा शिविर से भी कोई जत्था रवाना नहीं होगा। जम्मू के डिविजनल कमिश्नर रमेश कुमार ने कहा कि मौसम विभाग के अलर्ट और मार्गों की स्थिति को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है। उन्होंने बताया कि श्रद्धालुओं को समय-समय पर स्थिति की जानकारी दी जाएगी, ताकि वे भ्रमित न हों और सुरक्षित रहें। अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा को लेकर प्रशासन पूरी तरह सतर्क है। यात्रा मार्ग पर सेना, बीएसएफ, सीआरपीएफ, एसएसबी और स्थानीय पुलिस की मदद के लिए 180 अतिरिक्त सीएपीएफ कंपनियों की तैनाती की गई है।
अमरनाथ यात्रा के दो प्रमुख मार्ग
जम्मू के भगवती नगर यात्री निवास से लेकर गुफा मंदिर तक के पूरे मार्ग और सभी पारगमन शिविरों की सुरक्षा पुख्ता कर दी गई है। अमरनाथ यात्रा के दो प्रमुख मार्ग हैं –पहलगाम मार्ग, जहां से यात्री 46 किलोमीटर की पैदल यात्रा करते हैं और रास्ते में चंदनवाड़ी, शेषनाग और पंचतरणी जैसे पड़ावों से होकर गुफा मंदिर तक पहुंचते हैं। दूसरा बालटाल मार्ग है, जो छोटा लेकिन कठिन रास्ता है, इसमें 14 किलोमीटर पैदल चलकर उसी दिन श्रद्धालु लौट भी सकते हैं। सुरक्षा कारणों से इस साल किसी भी यात्री के लिए हेलीकॉप्टर सेवा उपलब्ध नहीं है। अमरनाथ यात्रा हिन्दू श्रद्धालुओं के लिए सबसे पवित्र तीर्थयात्राओं में से एक मानी जाती है, क्योंकि मान्यता है कि भगवान शिव ने इसी गुफा में माता पार्वती को अमरत्व का रहस्य बताया था।